State Bank Alert – State Bank of India (SBI) ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा अलर्ट जारी किया है, जिसमें साफ़ कर दिया गया है कि 10 अक्टूबर 2025 से कुछ बड़े बैंकिंग लेन-देन अब बंद हो जाएंगे। बैंक ने यह कदम पारदर्शिता और वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया है। नई गाइडलाइन्स के अनुसार, यदि कोई खाता धारक निर्धारित नियमों का उल्लंघन करता है या बिना वैध अनुमति के ऐसे लेन-देन करता है, तो उस पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। बैंक का कहना है कि यह कदम धोखाधड़ी और अनियमित गतिविधियों को रोकने के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में हर ग्राहक को अपने लेन-देन की जानकारी और तरीकों पर पूरा ध्यान देना होगा। यह नियम उन सभी पर लागू होगा जो नियमित रूप से ऑनलाइन ट्रांसफर, बड़ी निकासी या थर्ड-पार्टी खातों में बड़ी रकम का इस्तेमाल करते हैं। यदि खाता धारक समय रहते अपने रिकॉर्ड और KYC को अपडेट नहीं करेगा, तो उसे भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए सभी ग्राहकों को समय पर बदलाव और नई शर्तों का पालन करना बेहद जरूरी है।

10 अक्टूबर से कौन-कौन से ट्रांजैक्शन होंगे बंद?
SBI ने जिन लेन-देन पर रोक लगाने की घोषणा की है, उनमें मुख्य रूप से बड़े कैश विदड्रॉल, बिना वैध KYC अपडेट के फंड ट्रांसफर और थर्ड-पार्टी अकाउंट में उच्च राशि का उपयोग शामिल है। बैंक के अनुसार, ग्राहकों को अब ₹2 लाख से ऊपर के सभी ट्रांसफर केवल वैरिफाइड चैनल से ही करने होंगे। जिन खातों में KYC पूरी तरह अपडेट नहीं है, उन पर स्वत: रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा, ATM से एक निश्चित लिमिट से ज्यादा कैश निकालने की कोशिश भी असफल होगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे और अवैध ट्रांजैक्शन पर नकेल कसी जा सके।
₹10,000 जुर्माने का प्रावधान – किसे भुगतना होगा असर?
SBI ने साफ़ कर दिया है कि यदि कोई खाता धारक बिना अपडेटेड डॉक्यूमेंट के या निर्धारित नियमों को तोड़कर लेन-देन करता है, तो उसे सीधे ₹10,000 का जुर्माना भरना पड़ेगा। यह पेनल्टी मुख्य रूप से उन ग्राहकों पर लागू होगी जो समय पर KYC रिन्यू नहीं करते या फर्जी जानकारी देकर ट्रांजैक्शन करने की कोशिश करते हैं। बैंक ने अपने सभी ब्रांच और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस नियम की जानकारी दे दी है। इसका असर लाखों खाता धारकों पर होगा, खासतौर पर उन पर जो मनी ट्रांसफर या बड़ी रकम की निकासी नियमित रूप से करते हैं।
खाता धारकों को क्या-क्या बदलाव करने होंगे?
ग्राहकों को सबसे पहले अपनी KYC डिटेल्स को अपडेट करना होगा। बैंक ने कहा है कि आधार, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक कराना सभी के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा, ईमेल और एड्रेस डिटेल्स को भी बैंकिंग रिकॉर्ड में अपडेट करना होगा। जो ग्राहक समय रहते यह औपचारिकताएं पूरी कर लेंगे, उन्हें नए नियमों से कोई परेशानी नहीं होगी। बैंक ने स्पष्ट किया है कि सभी डिजिटल ट्रांजैक्शन और NEFT/RTGS केवल अपडेटेड अकाउंट से ही सफल होंगे। जिन ग्राहकों ने पहले से सब डॉक्यूमेंट अपडेट किए हुए हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त परेशानी नहीं होगी।
हर खाता धारक के लिए क्यों ज़रूरी है यह अलर्ट?
यह अलर्ट सिर्फ एक नियम नहीं बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा से जुड़ा कदम है। SBI ने हाल के समय में धोखाधड़ी और अनधिकृत लेन-देन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। बैंक का मानना है कि यदि खाता धारक समय रहते सतर्क हो जाएं और अपनी जानकारी सही रखें, तो किसी भी तरह का नुकसान रोका जा सकता है। ₹10,000 का जुर्माना दरअसल एक चेतावनी है ताकि ग्राहक नियमों का पालन करें।