LIC Pension Scheme – एलआईसी का बड़ा तोहफ़ा आपकी सेवानिवृत्ति योजना को सरल बनाने में मदद कर सकता है—₹15,000 मासिक पेंशन जैसी निश्चित आय से बुढ़ापे की टेंशन काफी हद तक कम हो जाती है। LIC Pension स्कीमों (जैसे इमीडिएट/डीफ़र्ड एन्युटी) का उद्देश्य है कि आप एकमुश्त राशि जमा करके जीवनभर नियमित पेंशन पाएं। इसमें आपको किस्म-किस्म के विकल्प मिलते हैं—सिंगल लाइफ, जॉइंट लाइफ, प्रति-वर्ष/अर्ध-वार्षिक/तिमाही/मासिक भुगतान, तथा रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस जैसे लाभ। योजना चुनते समय उम्र, निवेश क्षमताएँ, नामिनी सुरक्षा और कर-प्रभावों पर ध्यान देना समझदारी है। आमतौर पर, जितना बड़ा कॉर्पस और जितनी अधिक आपकी एंट्री आयु, उतना एन्युटी रेट प्रभावित हो सकता है। कई लोग ₹15,000 की मासिक आय पाने के लिए अनुमानित रूप से पर्याप्त एकमुश्त राशि अलग रखते हैं और समय-समय पर टॉप-अप या डीफ़र्ड विकल्प चुनते हैं।

₹15,000 मासिक पेंशन कैसे प्लान करें: कॉर्पस, विकल्प और पेआउट
₹15,000 प्रति माह की स्थिर आय के लिए पहले यह तय करें कि आपको इमीडिएट एन्युटी चाहिए या डीफ़र्ड। इमीडिएट में जमा के तुरंत बाद पेंशन शुरू हो जाती है, जबकि डीफ़र्ड में आप 5–10 वर्ष या ज़रूरत के अनुसार स्थगित अवधि चुनकर बाद में बड़े पेआउट का लक्ष्य रखते हैं। मोटे तौर पर, चुने गए एन्युटी विकल्प, उम्र और बाजार परिस्थितियों के आधार पर अनुमानित कॉर्पस का हिसाब लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, “लाइफ एन्युटी विद रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस” में नामिनी सुरक्षा मिलती है, जबकि “जॉइंट लाइफ” विकल्प दंपत्ति को आजीवन कवरेज देता है।

पात्रता, दस्तावेज़ और खरीद प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
LIC Pension स्कीम लेने के लिए आधार, पैन, बैंक खाता, पासबुक/कैंसिल्ड चेक और KYC दस्तावेज़ आवश्यक रहते हैं। आयु सीमा अलग-अलग प्लान में भिन्न हो सकती है; परंपरागत रूप से वयस्कों के लिए प्रवेश आयु व्यापक होती है, जिससे शुरुआती करियर में भी प्लानिंग संभव है। खरीद के लिए तीन सामान्य रास्ते हैं—(1) LIC एजेंट/शाखा के माध्यम से ऑफलाइन, (2) अधिकृत ऑनलाइन पोर्टल पर स्व-सहायता, और (3) बैंकाश्योरेंस/कॉर्पोरेट टाई-अप। प्रपोज़ल फॉर्म में नामिनी, एन्युटी प्रकार, पेआउट फ़्रीक्वेंसी, और डिफर्ड पीरियड (यदि लागू) स्पष्ट करें। भुगतान UPI/नेट-बैंकिंग/NEFT/चेक द्वारा हो सकता है।
टैक्स, TDS और नक़दी प्रवाह: क्या ध्यान रखें?
एन्युटी भुगतान आमतौर पर आपकी अन्य आय में जुड़कर टैक्सेबल हो सकता है; इसलिए टैक्स-स्लैब, 80C जैसे निवेश, और सीनियर सिटीजन रिबेट्स को मिलाकर कुल देनदारी अनुमानित करें। कई मामलों में TDS लागू हो सकता है—फॉर्म 15H/15G की पात्रता समझकर साल की शुरुआत में जमा करें ताकि अनावश्यक कटौती न हो। पेंशन की आवृत्ति मासिक रखने से बिल-पेमेंट, मेडिक्लेम प्रीमियम और दैनिक खर्च के लिए बेहतर कैश-फ़्लो मिलता है, जबकि वार्षिक/अर्ध-वार्षिक विकल्प बड़े खर्च (इंश्योरेंस, यात्रा, रिनोवेशन) के लिए उपयोगी हो सकते हैं। अगर आपके पास अन्य आय स्रोत (किराया, ब्याज, डिविडेंड) हैं तो कुल नक़दी प्रवाह कैलेंडर बनाकर नक़दी की कमी से बचें। आपातकालीन फंड 6–12 महीने का अलग रखें ताकि मेडिकल या आकस्मिक खर्च में एन्युटी छेड़े बिना काम चल सके। रिटायरमेंट के बाद बजट अनुशासन सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

सुरक्षा, लिक्विडिटी और परिवार की शांति: ROP/जॉइंट-लाइफ़ फायदे
रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस (ROP) विकल्प नामिनी को मूल जमा की सुरक्षा देता है, जिससे परिवार को वित्तीय शांति मिलती है। जॉइंट-लाइफ़ एन्युटी में प्राथमिक एन्युटेंट के बाद भी जीवनसाथी को आजीवन पेंशन मिल सकती है—यह दंपत्ति के लिए लोकप्रिय विकल्प है। कुछ योजनाएँ सीमित परिस्थितियों में लोन/सरेन्डर की अनुमति देती हैं; नियम व शुल्क ध्यान से पढ़ें क्योंकि एन्युटी मूलतः “आजीवन आय” के लिए डिज़ाइन होती है, न कि बार-बार निकासी के लिए। मेडिकल इमरजेंसी और दीर्घकालिक देखभाल की संभावनाओं को देखते हुए हेल्थ-इंस्योरेंस, सुपर-टॉप-अप और क्रिटिकल-इलनेस कवर अलग से रखें। नामिनी/कॉन्टैक्ट डिटेल्स अपडेट रखना बेहद ज़रूरी है ताकि क्लेम-प्रोसेसिंग सुचारू रहे। समय-समय पर परिवार को पॉलिसी दस्तावेज़ों का लोकेशन और प्रक्रिया समझाएँ—यही असली मन की शांति है।