Basic Salary Increased – भारत में सैलरी कैलकुलेशन को लेकर बड़ा बदलाव सामने आया है, जिससे लाखों कर्मचारियों की इनकम और टैक्स कैलकुलेशन पर सीधा असर पड़ेगा। अब नए वेतन संरचना के तहत बेसिक सैलरी ₹1,51,100 से बढ़ाकर ₹2,90,112 कर दी गई है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उच्च वेतन स्लैब में लाकर उनकी टैक्स योग्य आय को बेहतर बनाना है। हालांकि, इससे इनकम टैक्स में लगभग ₹75,012 तक की कटौती भी होगी, जो नए टैक्स सिस्टम के अनुसार लागू की जाएगी। सरकार ने यह निर्णय वेतन असमानता को कम करने और सरकारी कर्मचारियों के लिए पारदर्शी पे-स्ट्रक्चर लाने के लिए लिया है। इस बढ़ोतरी से न केवल सैलरी में उछाल आएगा बल्कि PF, DA और अन्य अलाउंस में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस बदलाव से मिड-लेवल और सीनियर लेवल कर्मचारियों दोनों को फायदा होगा, जिससे उनकी नेट इनकम और रिटायरमेंट सेविंग्स में भी सुधार होगा।

सैलरी कैलकुलेशन के नए नियमों की पूरी जानकारी
नए वेतन ढांचे के तहत बेसिक पे को दो गुना से भी अधिक बढ़ाया गया है। पहले जहां बेसिक ₹1,51,100 था, अब यह ₹2,90,112 तक कर दिया गया है, जिससे ग्रॉस इनकम में भारी उछाल आएगा। इसका सीधा असर डीए (Dearness Allowance), एचआरए (House Rent Allowance), और पीएफ (Provident Fund) पर पड़ेगा, क्योंकि ये सभी बेसिक सैलरी पर आधारित होते हैं। यदि किसी कर्मचारी का डीए 42% और एचआरए 24% है, तो नई बेसिक राशि पर उसका कुल मासिक फायदा ₹60,000 से भी अधिक हो सकता है। इसके अलावा, सैलरी स्ट्रक्चर में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने नई कैलकुलेशन पद्धति भी लागू की है, ताकि सभी कर्मचारियों को समान प्रतिशत की बढ़ोतरी मिले। यह बदलाव अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा।
इनकम टैक्स में ₹75,012 तक की कटौती का असर
नई सैलरी वृद्धि के साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। बेसिक बढ़ने के बाद ग्रॉस इनकम में इजाफा होगा, लेकिन सरकार ने टैक्स रेट को संतुलित रखने के लिए ₹75,012 तक की टैक्स कटौती का प्रावधान रखा है। इसका मतलब है कि अधिक सैलरी पाने के बावजूद कर्मचारियों पर अतिरिक्त टैक्स बोझ नहीं पड़ेगा। यह राहत मुख्य रूप से मिड और अपर मिडल इनकम ग्रुप के कर्मचारियों को दी जाएगी। साथ ही, यदि कर्मचारी नए टैक्स रेजीम का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन और प्रोफेशनल टैक्स जैसे लाभ भी मिलेंगे। इससे नेट इनकम में प्रभावी वृद्धि दर्ज की जाएगी, जिससे खर्च और बचत दोनों में सुधार होगा।
PF और पेंशन पर बड़ा फायदा
बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ योगदान भी स्वतः बढ़ जाएगा। पहले जहां PF का 12% ₹1,51,100 पर लगभग ₹18,132 होता था, वहीं अब ₹2,90,112 बेसिक पर यह बढ़कर ₹34,813 तक पहुंच जाएगा। इसी तरह, नियोक्ता द्वारा जमा की जाने वाली राशि भी दोगुनी होगी, जिससे लंबे समय में रिटायरमेंट फंड में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए भविष्य में एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा का आधार बनेगा। साथ ही, पेंशन स्कीम के तहत मासिक पेंशन राशि भी अधिक हो जाएगी, जिससे रिटायरमेंट के बाद की आय स्थिर रहेगी।
ग्रॉस इनकम और नेट पे का पूरा हिसाब
नई सैलरी संरचना के अनुसार, ग्रॉस इनकम में जहां लगभग 90% तक की वृद्धि होगी, वहीं नेट पे यानी हाथ में आने वाली सैलरी में लगभग ₹75,000 से ₹85,000 तक की अतिरिक्त राशि हर महीने मिल सकती है। अगर टैक्स और कटौतियों को ध्यान में रखा जाए, तो भी कर्मचारियों को औसतन 30–35% अधिक वेतन मिलेगा। इस बढ़ोतरी से जीवन-यापन खर्च और बचत दोनों में संतुलन आएगा। सरकार का लक्ष्य 8th Pay Commission से पहले कर्मचारियों को राहत देना है ताकि मुद्रास्फीति के दबाव को कम किया जा सके और कर्मचारियों की क्रय शक्ति में इजाफा हो सके।